Wednesday 23 March 2016

आतंकवाद

भारत माँ पर दुश्मन के घातक अनेक प्रहार हुए।
पर फिर भी सत्ता के सारे मौन सभी दरबार हुए।
भारत माँ की संताने अब लहू में उबाल भरें।
इन आतंक के दाताओं का निर्दयता से संघार करे ।

आतंक को कहि विजय का गौरव ना मिल जाये
ऐसी मृत्यु दो इनको की इनकी बुनियादें भी हिल जाये।

जिस अफज़ल को फांसी देकर अदालत ने इन्साफ किया
उसको हमदर्दी देकर कुछ चरों ने गद्दारी का प्रहार किया।

इन आतंक के भेड़ियों से जिनको हमदर्दी होती है
उनकी करतूतों पर शर्मिंदा भारत माता होती है।

जो वीर सिपाही भारत माँ की रक्षा में मिट जाते हैं ।
ये गद्दार उनकी शाहदत को शर्मिंदा कर जाते हैं।।
  
                                   धन्यवाद (तरुण त्यागी)