ये पंक्तियां उन वीरों की पूजा के लिए है , जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।।
" कारगिल विजय दिवस"
झुकालो आज शीश अपने , तुम गर्व के एहसास से
शहीदों को दो सलामी , तुम देश प्रेम के एहसास से
नम आंखें हो तुम्हारी , खुशी और श्रद्धा के भाव से
दिन आज वही, जिस दिन लड़े वे अपनी अंतिम सांस से
मिली विजय एक बार फिर उनके शौर्य और साहस से
फिर एक बार जीत गए हम अपने पड़ोसी सांप से
झुकालो आज शीश अपने , तुम गर्व के एहसास से
शहीदों को दो सलामी , तुम देश प्रेम के एहसास से
दफन हुई जो ज़िंदगियाँ उन बर्फीली सफेद कपास में
अमर हुई वे समस्त जीवन , जन - मन के विश्वास में
याद रखेंगे विजय दिवस को विजय पर्व के एहसास से
झुकालो आज शीश अपने , तुम गर्व के एहसास से
शहीदों को दो सलामी, देश प्रेम के एहसास से।।