भूख लगी है आरक्षण की
ये रोटी से कहाँ बुझेगी ।
जब तक लाखों नही मरेंगे
इनकी प्यास कहाँ बुझेगी।
आरक्षण के नाम पर ये तो
गुंडागर्दी दिखा रहे हैं ।
दादरी जैसे काण्ड को ये
आरक्षण से बढ़ा रहे हैं ।
फूंक दिए है वाहन जिसने
लूट ली थी दुकानें ।
कहने को तो ये भी हैं
भारत माँ की सन्तानें ।
खुद को सक्षम बनाने खातिर
ये औरों को गिरा रहे हैं ।
क्या इज्जत ये करेंगे देश की जो
सुरक्षा बलों पर भी पत्थर उठा रहे हैं ।
आरक्षण की घूंटी
नेता इनको पिला रहे हैं ।
और देश की स्थिरता को
ये आंदोलन से हिला रहे हैं ।
धन्यवाद
( तरुण त्यागी)