कहा किसी ने सत्य है
क्रोध एक दैत्य है
पर वश नही रह पाता इसपर
यह भी तो नही असत्य है
कहे प्यार से तुमको कोई
उसकी बात पर ध्यान लगाओ
और अकड़ स बोलेे कोई
तो चुप्पी साधो मन्त्र अपनाओ
दबालो उस विष को ह्रदय में
जिस तरह रोका है महादेव ने कण्ठ में
बाहर आयेगे तो अपवाद करेगा
आपका समय बर्बाद करेगा
एक बात पर ध्यान लगाओ
क्रोध को न कभी यार बनाओ ।
(तरुण त्यागी)